14.9.18

महिलाओं के प्रति लोगों की ऐसी सोच क्यों - Indian first News

पोस्ट को पुरा जरूर पढ़े और शेयर करना ना भुलें दोस्तों आज हमारा समाज कहां जा रहा है. यह सब को पता है हमारे पूर्वजों ने जो हमारे लिये आदर्श विचार छोड़कर गये थे हम आज बिल्कुल भी खरा नहीं उतर पाए हैं. आये दिन महिलाओं पर  अपराध हत्याचार और बलात्कार और रेप गैंगरेप जैसी घटना बहुत ज्यादा बढ़ गई है मुझे भी घिन आती है ऐसे शब्द लिखते हुए.
एक जमाना था जब अपनी बहन बेटियाँ कई पर आ जा सकती थी अपने पूर्वजों के टाईम ऐसा ऐसो आराम और ईतना साधन नहीं थे लेकिन एक दुसरे पर इतना भरोसा था कि कोई भी महिला किसी भी अनजान लोगों के साथ कई पर भी आ जा सकती थी.  लेकिन आज के जमाने में महिलाओं का आदमी से और आदमी का महिलाओं से भरोसा भी उठ गया है मुझे दुख हो रहा है. यह बात कहते हुए की आज हम अपनी बहन बेटियों को पराये मर्द की तो अलग बात है. अपने रिश्तेदारों के साथ भी सेफ महसूस नही कर रहे हैं. और यही आज की हर समाज की हकीकत है इन सब से हमारे समाज को बहार निकलना ही सबसे बड़ा काम है हमारा.

हमारे समाज में महिलाओं के साथ रेप गैंगरेप बलात्कार जैसी घटनाओं के बारे में यह सोच आती कहाँ से इसके लिए कौन जिम्मेदार है. क्या केवल पुरूष ही जिम्मेदार है.  क्या महिलाएं भी जिम्मेदार है या हमारा घर और समाज जिम्मेदार है क्योंकि हम सरकार को तो जिम्मेदार पूरे मान नही सकते हैं.

हमें उस झङ तक पहुंचना होगा कि आज के युवाओं में बलात्कार रेप लड़कीयौं के साथ छेड़छाड़ करने जेसी सोच आती कहाँ से है. आज हमको शर्म से मर जाना चाहिए कि हर रोज सुनने में आ रहा है कि आज उस लड़की के साथ रेप हुवा आज उस औरत के साथ बलात्कार हुवा आज हमारी युवा पीढ़ी को यह सब चीजों से बहार निकलना बहुत जरूरी है.

जब मानव ने इस धरती पर जन्म लिया तब उनके पास शरीर को छिपाने के लिए उनके पास कोई कपड़ा नहीं था लेकिन वो एक बिता हुवा जमाना था हर औरत महिलाओं को मां बहन बेटियों की नजर से देखा जाता था. आज हमें सोच को बदलने की जरूरत है. और सोशल नेटवर्किंग साइट समाचार पत्रों टीवी चैनल यह सब भी बहुत कुछ हद तक जिम्मेदार है क्योंकि हर कोई चैनल अपनी लोकप्रियता बढाने के लिए कुछ अश्लील वीडियो फिल्म ज्यादा दिखाया जाता है और कई कम्पनीयां भी अपनी सेल बढाने के लिए कई तरह के अश्लील एड प्रसारण करते हैं.  इनसे भी बच्चों पर बहुत ज्यादा गलत असर पडता है.

आज हमारे देश भारत में रेप की इतनी घटनायें बढ़ रही है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक खतरे की घंटी से कम नही है. भारत सरकार ने ऐसी घटनाओं को मध्यनजर रखते हुए आरोपी को उम्र कैद या फासीं का कानून बनाया गया है.

लेकिन सरकार का काम है. सजा देना वो पुरा नियंत्रण नहीं कर पायेगी जबतक हमारा समाज हमारे बच्चे जागरूक और अपनी सोच को नहीं बदलेगें जब किसी भी महिला के साथ रेपकांड होता है. जो मानव के रूप में जानवर (जंगली) लोग होते हैं वो यह क्यों नहीं सोचते कि मैं भी किसी मां का बेटा हूं किसी बहन का भाई हूं किसी औरत का पति हूं मैं जो घिनौना काम ईसके साथ कर रहा हूं कल वो काम उनके साथ भी हो सकता है.
आज टाईम आ गया है कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ साथ कैसे महिलाओं के साथ व्यहार करें हमें हमारे बच्चों के प्रति जागरूक रहने के जरुरत  है.  वो क्या करता है उसकी किसमें रुचि है यह सब ध्यान में  होना चाहिए.  जब भी आप फ्री होते हैं.  सुबह शाम  तो कुछ टाइम निकालकर अपनी जो पुरानी संस्कृति अपने रितिरीवाज उन सब के बारे में के साथ चर्चा करनी चाहिए. 

'' मन साफ होना चाहिए शरीर तो जानवर भी साफ रखते हैं ''
दोस्तों आपको मेरे विचार कैसे लगे अपनी राय जरूर दे और हर इंसान को सोच अच्छी रखनी चाहिए. 

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