26.3.20

March 26, 2020

गुजरात राज्य का इतिहास

नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको भारत के उस राज्य की बात करूंगा जिसका भारत देश में भी नहीं पूरे विश्व में अलग ही जगह बनाई है वो है भारत का राज्य गुजरात। जिसका  गठन सन 1 मई 1960 को हुआ था गुजरात का सबसे बड़ा शहर अहमदाबाद है गुजरात का क्षेत्रफल तकरीबन 196000 वर्ग  k m है गुजरात राज्य का इतिहास
फ़ोटो बय गू्गल

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात प्रदेश प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर है साथ ही इसका सांस्कृतिक इतिहास भी बहुत समृद्ध है। भगवान् श्रीृष्ण ने इसी प्रदेश को राज्य सथापित करने के लिए चुना और सागर तट पर द्वारका को अपनी राजधानी बनाया। स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म भी गुजरात में हुवा था हिंदुस्तान बापू के नाम से प्रसिद्ध महात्मा गांधी जी का जन्म भी गुजरात राज्य के पोरबन्दर में हूवा। लौह परुष सरदार वल्लभ भाई पटेल भी गुजरात राज्य के भी सपूत है जिन्होंने सर्धा के केंद्र सोमनाथ के मंदिर का स्वतंत्रता के बाद पुनर्निर्माण करवाने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति में राष्ट्रीय एकता के प्रतीक रूप में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ( स्टेचू ऑफ़ यूनिटी ) स्थापित की गई जिसकी उचाई 182 मीटर है इस मूर्ति के निर्माण में भारत के हर कस्बा से कर्षी उपकरणों का लोहा इस्तेमाल किया गया था। इस प्रदेश में पालीताणा नामक जैन धर्म तीर्थ स्थान है वहां पर 863 मंदिर है।
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कच्छ धोलाविरा मै पांच हजार वर्ष पूर्व के व्यवस्थित नगरीय व्यवस्था के अवशेष अभी प्राप्त हुवे है। जिससे यह पता चलता है कि गुजरात प्रदेश में भारत की सांस्कृतिक विरासत शताब्दियों पूर्व विकसित हो गई थी जो आज भी सुरक्षित है। खेतों में पानी की सिंचाई के लिए नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर नामक बहुउद्देशीय नदी परियोजना का निर्माण पूरा हो चुका है।
गुजरात राज्य में कपड़ा और हीरो का काम भी बहुत जोरदार होता है यहां का हीरा बाजार पूरे विश्व में भारत की पहचान अलग ही बनाता है भारत के वर्तमान प्रधानंत्री ( 2013..से) श्री मान नरेंद्र मोदी का जन्म भी गुजरात के वडनगर में ही हुंवा था।

राज्य के सम्बन्ध में जानने योग्य बातें
गुजरात प्रदेश की राज्य की भाषा गुजराती है।
गांधीनगर गुजरात प्रदेश की राजधानी है।
कांडला उतर पश्चिम भारत का मुख्य बन्दर गाह है
अंकलेश्वर में खनिज तेल और पेट्रोलियम प्राप्त होता है 

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20.3.20

March 20, 2020

भारतीय सेना में कॅरियर कैसे बनाएं

हैलो दोस्तों नमस्कार! कुछ दिन काम में व्यस्त होने के कारण में आपके लिए नयी पोस्ट नहीं लिख सका।इसका मुझे खेद है .आज मैं आपके लिए बहुत ही अच्छी पोस्ट लेकर आया हूं जिसका Topic है- भारतीय सेना में कॅरियर कैसे बनाएं
हर किसी भी देश का नागरिक यही चाहता है कि मैं अपने देश की सेवा करूं ऐसे में सब जोस और जज्बा से अपने देश के लिए कुछ ना कुछ करना जरुर चाहते हैं तो आज की पोस्ट में बताया गया है कि भारतीय सेना में कैसे सामिल हो सकते हैं.

आप अगर देश की सेवा और समर्पण भाव से प्रेरित है और देश के लिए कुछ करने के जज्बे से अभिभूत हैं तो भारतीय सेना के विभिन्न भागों में अपना कॅरियर बना सकते हैं।भा भारतीय सेना में मूल रूप से सशस्त्र सेना बल में इन चार प्रोफेशनल सेवाओं को शामिल किया गया है- भारतीय थल सेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना,औ औ भारतीय कोस्ट गार्ड, इसके अलावा दुसरी पैरामिलिट्री फोर्स-इंटर - सर्विसेज इंस्टिट्यूशस भी भारतीय सशस्त्र सेना कोो सहायता करती है मूल रूप से सेना के तीनों विंग्स आर्मी, नेवी
एयरफोर्स में परमानेंट कमीशंड आॅफिसर्स संघ लोकसेवा आयोग की दो अखिल भारतीय एंट्रेंस एग्जामिनेशंस एनडीए और सीडीएस से की जाती है। तो चलिए दोस्तों अब आपको विस्तार से जानकारी देता हू

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28.9.19

September 28, 2019

Success कठिन है नामुमकिन नहीं- रवीन्द्र जडेजा जीवन स्टोरी

Success कठिन है नामुमकिन नहीं- रवीन्द्र जडेजा जीवन story

Indian क्रिकेट टीम के आॅलराउडंर रवीन्द्र जडेजा आज के समय में पुरे world में क्रिकेट जगत में जाना माना नाम है रवीन्द्र जडेजा का यहां तक पहुंचने का सफर बहुत ही संघर्ष और कठिनाईयों से भरा हुआ रहा।

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रवीन्द्र जडेजा का जन्म गुजरात के जामनगर जिले में 6 दिसंबर 1988 को बहुत ही साधारण परिवार में हुआ जडेजा के पिता का नाम अनिरुद्ध सिंह था जो प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में काम करते थे रवीन्द्र जडेजा के पिता की ख्वाहिश थी कि रवीन्द्र को आर्मी आॅफिसर बनाना है लेकिन जडेजा की रूचि छोटी उम्र से ही क्रिकेट में थी और वो क्रिकेट में ही अपने आप को तैयार करने लग गए।

जब रवीन्द्र जडेजा की उम्र 17 साल थी तब उनकी माता का निधन हो गया था और उनको बहुत गहरा धक्का लगने के कारण जडेजा ने क्रिकेट से भी दुरी बना ली थी रवीन्द्र जडेजा की एक बहन भी है और जब उन्हें पता चला कि जडेजा ने क्रिकेट से दुरी बना ली है तो उन्होंने जडेजा को बहुत सपोर्ट किया परिवार का आर्थिक बोझ उठाने के लिए वह नर्स बन गई।
अंडर 19 world cricket cup 2006 में रवीन्द्र जडेजा को पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया 2006 में जडेजा ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया। और दलीप ट्राफी में वेस्ट जोन से खेले और साथ ही सौराष्ट्र से रणजी ट्रॉफी भी खेलने लग गये।जब भारत ने अंडर 19 world cricket cup विजेता बना तब रवीन्द्र जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के उपकप्तान थे।

रवीन्द्र जडेजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 8 फरवरी 2009 को पदार्पण किया तब भारतीय टीम एक सीरीज खेल रही थी और उस डेब्यू मैच में इस हरफनमौला खिलाड़ी ने शानदार 60 रनों की नाबाद पारी खेली थी और उसी साल जडेजा ने 10 फरवरी को टी-20 में भी डेब्यू कर लिया था। 2012 में रवीन्द्र जडेजा ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीन तिहरे शतक लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया जो इसे पहले किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच में नहीं हुआ था।

इंग्लैंड की टीम टेस्ट मैच खेलने 2012 में जब भारत आई थी तब नागपुर में 13 दिसंबर 2012 को जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया था जब भारत में आईपीएल की शुरुआत हुई तो अलग अलग टीमों में जडेजा को खरीदने की होड़ मच गई और तब से लेकर अब तक रवीन्द्र जडेजा चेन्नई सुपरकिंग्स, गुजरात लाॅयंस, राजस्थान रॉयल्स जैसी टीमों से अपनी समता और जलवा दिखा चुके हैं।


रवीन्द्र जडेजा घुड़सवारी के बहुत शौकीन हैं जडेजा को अपने कैरियर में बहुत उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा।वो अपने हुनर और मेहनत से अपने आप को साबित करने में कामयाब रहे इसी लिए कहते हैं कि अपने आप को सक्सेस करना कठिन हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं। मेरी पोस्ट Success कठिन है नामुमकिन नहीं- रवीन्द्र जडेजा जीवन स्टोरी आपको कैसी लगी आप मुझे comment box में अपनी राय मुझे जरूर बताएं और अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें।